किताबें

खुली आलमारियों से झाँकती किताबों की कुछ गुमसुम सी कुछ उदास सी हैं आँखें।   अकेली हैं खड़ी, कुछ अकेली हैं पड़ी, सदियों से रहीं हैं जो सच्ची सखी, कुछ फुसफुसाहट सी आ रही है सुनों, क्या कह रहीं हैं चलो हम सुनें, ज्ञान का खज़ाना भरा है यहाँ। कहानी, कविताएं और किस्से हो जहाँ।…

ए आई वरदान है या अभिशाप

ए. आई. वरदान है या अभिशाप पक्ष                                         समय- 3-4 मिनट प्रधानमंत्री ने कहा था पहले बच्चे गाते थे- चंदा मामा दूर के अब बच्चे गाएँगे चंदा मामा टूर के आदरणीय निर्णायक गण, अध्यापक गण एवं मेरे मित्रों याद कीजिए 23 अगस्त शाम के 6:00 बजे, संपूर्ण भारत की धड़कन लगभग रुक सी गई थी और…

मेरी प्रिये

मन के अपने प्रबल वेग को, प्रणय के उठते संवेग को, कैसे सुनाऊँ तुम्हें मैं प्रिये, अनुरागी हूँ मैं तुम्हारा प्रिये। रात आती है तो चाँद को बना मीत मैं खयालों में तुम्हारे ही खो जाता हूँ । कटीले तारों का तकिया बना मैं, किसी तरह पल दो पल सो पाता हूँ । कैसे बताऊँ…

तुम

तुम आसपास जब रहते हो, सब खास खास हो जाता है, इन खाली घरों दीवारों में, जीवन सा भर जाता है, तुम जादूगर से इस जीवन में, कितने रंग भर देते हो, तुम अपनी उंगली से छूकर, मुझ में मधुमास भर देते हो, तुम अपनी बाँहों का तकिया, जब मुझको सोने देते हो, सच कहूँ…

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